9.25.2008

भारत में पर्यटन (स्वर्ग,जो खो गया)

ब कोई हमारे भारत मे आता है तो बडे-बडे बेनर देखता है जिसपर लिखा रहता है कि "भारत में आपका स्वागत है" , पर हकिकत मे उन पर्यटकों का दुःस्वप्न अभी तो शुरू ही होता है जैसै की-आधे अधूरे समानों से सजे काउंटर, एक अव्यवस्थित प्री-पेड ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ,अधिकारी जो परवाह नही करते और लालची दलाल,..इन सब से उनका सामना अंतर्राष्टीय हवाई अड्डों पर ही हो जाता है. दलाल हमारे पर्यटन उद्धोग का अंदरूनी हिस्सा बन गए है , जो मेहमानों को उसी छन से परेशान करने लग जाते है जब से वे आते है और तब तक करते रहते है जब तक वे चले नही जाते .धार्मिक जगह जैसे बनारस, पुरी, पुष्कर और हरिद्वार में पंडो का शासन है .जो पर्यटकों को लुटतें है. यहाँ तक की अपने देश के लोग भी धार्मिक जगहों पर जाने से डरते है क्यो की उन्हें भी लुट जाने का भय होता है .
मुझे यह बात बडे दुख़ के साथ कहना पड रहा है, क्योकि मै एक भारतीय हुँ और हमे बचपन से ही सिखाया जाता है कि मेहमान भगवान का रूप होते हैं. पर उन्हे (.............) कौन समझाये.

9.20.2008

"पद से शक्ति"

हाल ही में एक मंत्रीजी (इन महाशय का नाम नही लेना चाहुंगा) ने खुलेआम अपने पद और ताकत का प्रदर्शन किया वह बहुत ही निंदनिय और शर्म की बात है.
इन्हे समझना चाहीए कि पद और पदवी शक्ति देते है, पद छिन जाता है तो शक्ति भी चली जाती हैं. पद अधिकार देते है और अधिकार शक्ति. मै तो एक ही बात जानता हुँ कि झुठे नेताओं की रीढ की हड्डी खासतौर से नही होती है वे सिर्फ़ अधिकार्रो के बैसाखियों पर ही चल सकते है. महानता सिर्फ़ ताकतवर होने से नही बल्कि उस ताकत के सही इस्तेमाल करने में है. नेताओं में आचार नितियों का अभाव एक देश ओर उसके लोगो के विनाश का मुख्य कारण है. क्या एक नागरिक को इस बात का हट नही करना चाहिए की उनके नेंताओं में कम से कम कुछ मुलभुत योग्यताये तो हो ही पर नेंताओं को चुनते हुवे हम किसी भी मूलभूत योग्यताओं पर ध्यान नही देते. बहुत सी सरकारें ऐसे लोगो द्वारा चलाई जा रही है जो शासन करने के लायक नही है और बिश्वास करने लायक भी नही.
आखिर में मै यही कहना चाहुँगा की हम किस बात के लिए परेशान होते है, इसलिय नही की हम ग़लत को ललकारना चाहते है बल्कि इसलिए की हम सच्चाई को बचा सके ,इन नेताओं को समझना चाहीए कि "सिर्फ़ अच्छे ब्यवहार से ही इज्ज़त मिलती है पद से नही" !!

9.18.2008

"शुक्रिया, नव धनाढ्य पापा ! मुझे आदर्शो की ज़रूरत थी पर आपने मुझे एक BMW दी !!"

एक और BMW हादसा , पहलेवाले को हम भुले भी नही थे की दुसरा उठ खरा हुआ , नए धनवान हुए लोगो की उपज अभी हाल में ही प्रचलन मे आई है . देखा जाए तो नव धनाढ्य होने मे कुछ भी ग़लत नही है ,मगर प्रचलित बोलचाल की भाषा मे इसका मतलब यह होता है की आदमी ने करोडों रूपये कमा तो लिए है पर उनका आदर्श,बैंक बैलेंस के आसपास भी नही है . उन्होंने उल्टे -सीधे तरीको से जैसे भी पैसे बनाया हो वह कोशिश करता है कि लोग उनकी उपस्थिति का अनुभव करे l
अपने ब्यवहार से वह जता देता है कि लोगो को पता चल जाय की वह आ गया है l वह अपनी नई-नई पाई हुई चीजो का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन करता है l
एक छोटा सा उदाहरण देखीए :-
सुनील ने अपने बेटे का १६वाँ बर्थडे, एक फाईव-स्टार होटल मे मनाया l एक ६ फ़ुट केक का आर्डर दिया l अपने बेटे को नई चमचमाती कार की चाबी थमाई और बोला बेटा तुमरे पापा तुमसे बेहत प्यार करते है l यह कार ले जाओ और मजे करो l अगर तुम पर कोई मुस्किल आ पड़े तो सिर्फ़ पापा को फ़ोन कर देना ,मेरे बहुत से प्रभावशाली संबंध है, अगर नही भी होते तो प्रभावशाली लोगो को खरीदने के लिए काफी पैसा है l बेटा अपनी पापा की अनुमति से बाहर की दुनिया मे गया , वह पागलो की तरह गाडी चला रहा था, पुरे शहर को इस सोच से डराता हुआ की तुम ध्यान दो क्योकि मै नही देने वाला l तभी दुसरे नव धनाढ्य लडके ने इसको ओवरटेक किया और उसे दखते हुवे मानो यह कह रहा हो " मै जीत गया मेरी गाडी तुम्हारी गाडी से बहतेर है मै तुमसे ज्यादा पैसेवाला हुँ" l पहले लडके के दिल को यह बात लग गई और उसने अपने को अपमानित महसुस किया और उसने एक्सीलरेटर को पूरी तेजी से दबा दिया फ़िर क्या था कार पेड से टकराई और वह धरती ग्रह को छोड गया, सीधे शब्दों मे कहें तो वह मर गया l
कहने का तातपर्य यह है की ज्यादातर सडक दुर्घटनाएँ अहम से संबंधित होती है l खासतौर से भारत मे जब लोग हाईवे पर अपनी कार चलते है और ठीक सडक के बिचो-बिच ड्राइव करते है l मै सोचता हूँ कि यह लोग अपनी लेन मे क्यो नही चलते, जैसे की ज्यादातर दुसरे देशों मे होता है l
हमे अपनी ट्राफिक ब्यवहार को सुधारना होगा और इन करोडपतीयों के बच्चों की कार पर लगाम लगना जरुरी है l
क्या मैं बडा-चढाकर बता रहा हूँ या ये हमारी सडको पर हर समय होता है l जरा सोचीऐ, यह सुनाने मे मजाक लग सकता है ,पर जिस परिवार ने अपने प्रियजन को खो दिया है उनके लिए यह दुखद घटना है , मजाक नही !!......ज़रा सोचियेगाl
हालही मे हुये BMW हादसे के परिवारजनों के इस दुख की घङी में ईश्वर उनको हिम्मत दे तथा मरने वाले की आत्मा को शान्ती प्राप्त होl

9.16.2008

प्रदुषण दुबकी लगाने को तैयार है - फ़िर से

" हलांकि delhi , दसहरा और दुर्गा पूजा आने की मीठी यादो मे खोया हुआ है , पर नदी किसी राहत के बिना अपना अस्तित्वा बचाए रखने के लिए तराश रही है . २२ किलोमीटर लम्बी यमुना जो राजधानी के बिच से बहती है , अपने अन्दर दुर्गा की न जाने कितनी मूर्तियों को समाये हुए है . अगर प्रदुषण की दि्ष्ठी से देखा जाय तो टनों पैंट , टनों तेल पोलिश और उतनी ही फूल , पत्तियाँ , नारियल , भूसा और बाँस होता है और दूसरी तरफ़ अब तक करोडों यमुना एक्शन प्लान पर खर्च किए जा चुके है सेंट्रल पोल्लुशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है की "इन प्रदूषित चीजो को नदी मे प्रवाह करने से , कैंसर फैलाने वाले तत्वा , जिंक , लीड , कदिमियम , आर्सनिक , क्रोमिम , और निक्केल की मात्र काफी बाद जाती है , और आक्शीजन की मात्र कम हो जाती है ." इनके अलावा इन मूर्तियों को सजाने मे जो पैंट उपयोग होता है , उसे प्राकर्तिक रंगों से बनाया जाना चाहिये जो बयादिग्रदाब्ले होते है . दुर्भाग्य से , खतरे की घंटीया बजाने के बाद भी यह महान भारतीय परम्परा बडती ही चली जा रही है ."
और आखिर मे मै यह कहना चाहुगा की यह सब भगवान के नाम पर होता है . जो चीजें हम धर्म के नाम पर करते है वह किसी को भी इस अचरज मे डाल देने के लिए काफी है की आखिर त्योहार किस बारे मे है .

9.15.2008

"इस देश का क्या होगा ?"!!

आज हिन्दुस्तान मे सिर्फ शरीफ आदमी ही परेशान नही है, बल्की चोर, बदमाश भी परेशान हो चुके है, क्योकि उन्हें अपने से बडे चोर मिलते है । एक कहानी याद आ रही है जो मै आप लोगो के साथ बाटना चाहुँगा :-
तीन इंजीनियर और तीन वकील कांफ़ैस के लिए टे्न से जा रहे थे ।तीनो वकीलो ने अपना-अपना टिकट खरीदा ।लेकिन तीनो इंजीनियरों ने मिलकर केवल एक ही टिकट खरीदा । एक वकील ने पूछा,"आप एक ही टिकट से कैसे काम चलाएँगे ?
"इंजीनियरों ने जवाब दिया " देखते जाओ ।" वे गाडी मे चढ गये ।वकील अपनी रिजर्व सीटों पर बैठ गए । लेकिन तीनो इंजीनियरों ने खुद को शौचालय मे बंद कर लिया ।गाडी चल पडी l कंडक्टर टिकट जांच करने आया और उसने शौचालय का दरवाजा खटखटाया । एक हाथ बाहर आया जिसने टिकट पकडा हुआ था ।कंडक्टर संतुष्ठ होकर चला गया । वकील हक्के-बक्के पड गए । उन्होंने कहा,"हमने ऐसा क्यों नहीं सोचा?"
वापसी पर उन्होंने तय किया कि वे भी वही करेंगे जो इंजीनियरों ने किया ।अपनी वापसी यात्रा पर उन्होंने एक ही टिकट खरीदा । उन्होंने देखा कि वे तीन इंजीनियर भी उसी गाडी से वापस लौट रहे थे।लेकिन इस बार उन्होंने एक भी टिकट नहीं खरीदा । वकील हैरान थे । उन्होंने पूछा,"तुम बिना टिकट कैसे काम चलाओगे?" इंजीनियरों ने जवाब दिया " देखते जाओ ।" वे सभी गाडी मे सवार हो गए ।गाडी चल पडी ।तीनो इंजीनियरों और तीनो वकीलो ने खुद को दो अलग-अलग शौचालय मे बंद कर लिया ।कुछ देर बाद उनमें से एक इंजीनियर बाहर आया और वकीलों के शौचालय का दरवाजा खटखटाते हुए टिकट माँगी । एक हाथ बाहर आया जिसमे टिकट था । इंजीनियर ने टिकट पकडा और अपने शौचालय मे चला गया ।
कहानी का सार यह है कि हर भक्छक न सिर्फ रास्ता खोज रहा है कि किस तरह सिस्टम को बाईपास किया जाए बल्कि इसमे मुकाबला भी हो रहा है कि सबसे बडा चोर कौन है ।

9.11.2008

How to successfully LOSE Weight-5 Simple Tips

To Know how to successfully lose weight ? Firstly, you do not want to lose weight fast-its just being stupid. Even if you do, you are suffering for it, and most likely you will pile the weight back on. Secondly, weight loss is about being realistic. You didnot gain the over night , so you cannot expect to lose it overnight.
Losing weight is about staying patient, eating sensibly and staying active. But more importantly, it is about implementing new positive changes that will help you lose the weight, keep it off and improve your health. If you are ready for that, below are 5 key steps to get you going:-
1. Avoid saturated fats, and eat more ploy or mono saturated fats. Use Olive oil for cooking and salads and also try flax oil, canola oil, soy oil, walnut oil.
2. Eat small meals regularly, say 6 mini meals, and ensure you are eating enough. Just ensure you fill your plate with plenty of fiber, protein and healthy fat. Don't get into the habit of eating too little-this will casuse your metabolic rate to drop so steer clear fo diets that advocate eating less then 1200 calories per day. You may lose a lot of weight whilst on these but most of it will be muscle mass and water weight , not fat- and its the fat you want rid of!
3. Don't do the same exercises over and over- mix it up or you will lose your motivation. when losing weight, your body responds great at first, but as it gets used to the same routine, it stops responding as much because your body doesn't need to work hard to do the motions. So mix it up with interval training, and vary the workouts every month.
4. Know your portions and know your food- Prior to each meal, try to measure the proper portions of each food to prevent overeating. Being by preparing your proteins, followed by fresh vegetables- and keep track fo the total weight of your meal. A good way to control your calories is to use smaller plate and sticking to that 1 serve.
5. Perfection is not the key to fat loss- it is the enemy of fat loss. You don't need to be perfect. There's no such thing as the perfect diet or perfect meal. Perfection is very restrictive and inflexible - and will eventually lead to de-motivation. Its all about getting a balance in your life. When it comes to losing weight , be sensible about it- eat in moderation, be active and get your daily dose of nutrition by eating more fresh foods and whole grain products.
The above tips are just some of the things you can do now to lose your weight.
Losing weight is about patience, and making changes slowly. It is about getting real and making positive changes to your life.

9.08.2008

Being a good person is like being a "Goalkeeper"....

No matter how many Goals you saved.....

People will remember only the Ones that you Missed...